Connect with us

कोरोना

‘पिता होने का फ़र्ज’ और ‘देश का बेटा होने का क़र्ज़’ क्या होता है, ये इस एक तस्वीर से समझ सकते हैं

Published

on

Panipat Live 3 images 4 12

मां के बगैर बच्चे दिन तो दूर कुछ घंटे भी नहीं गुजारते हैं। कम उम्र के बच्चे तो बिना मां के रुकते ही नहीं हैं लेकिन, जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स माधुरी सिंह आइसोलेशन वार्ड में 27 मार्च से ड्यूटी कर रहीं हैं। उनका बेटा विवेक तीन साल का है और बेटी अराध्या छह साल की है। पति विशाल कुमार घर संभाल रहे हैं। रात आठ से सुबह आठ बजे तक डयूटी है। बेटा मां को याद करके रो रहा है। पापा सेे जब वो काबू नहीं होता तो वे वीडियो काल कर देते हैं।

” alt=”” aria-hidden=”true” />Positive India : बेटे को यादकर रोती हैं स्‍टाफ नर्स माधुरी, फिर भी चिंता छोड़ निभा रहीं मानवता का धर्म Moradabad News

बिलख पड़ते हैं मां और बेटा

मां और उधर से तीन साल का बेटा एक दूसरे को देखने के बाद बिलख पड़ते हैं। माधुरी को दूसरी साथी समझाने का काम करती हैं। इसके बाद भी उनके आंसू नहीं थमते हैं। रोते हुए वो कहती हैं कि मेरा बेटा मेरे बिना नहीं रुकता है। मेरी वजह से वो खाता भी कुछ नहीं है। वीडियो काल पर बच्चे को दिलासा देती हूं तो वो खाता है। माधुरी कहती हैं कि ड्यूटी करने में कोई हर्ज नहीं है। ये तो मानवता की सेवा है।

अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों का हाल भी ऐसा

जिला अस्‍पताल में कार्यरत तकरीबन सभी स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों का ऐसा ही हाल है। कोई मां को याद करता है तो कोई पति को,  लेकिन, बावजूद इसके वे मुस्‍तैदी के साथ डयूटी करते हैं। रोजाना खतरों से खेलकर मरीजों का इलाज करते हैं। पूछने पर इस इतना बताते हैं जनसेवा पहले है परिवार बाद में। ये वक्‍त देश का एक जिम्‍मेदार नागरिक बनने का है।

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *